भारत एक बार फिर बन सकता है 'सोने की चिड़िया', अरबपति बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल ने बताया प्लान
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भारत एक बार फिर बन सकता है 'सोने की चिड़िया', अरबपति बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल ने बताया प्लान

Vedanta chairman Anil Agarwal: वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा है कि भारत सोने का प्रमुख उत्पादक देश बन सकता है. इसके लिए सरकार को कुछ कदम उठाने होंगे.

 

भारत एक बार फिर बन सकता है 'सोने की चिड़िया', अरबपति बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल ने बताया प्लान

Gold Producer Country: देश के जाने-माने उद्योगपति अनिल अग्रवाल ने कहा है कि भारत सोने का प्रमुख उत्पादक देश बन सकता है. इसके लिए सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की दो प्रमुख सोना उत्पादक भारत गोल्ड माइंस और हट्टी गोल्ड माइंस का निजीकरण करे. अरबपति बिजनेसमैन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार ने सोना-चांदी के आयात पर सीमा शुल्क को घटाने का फैसला लिया है.

मंगलवार को पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने तथा चांदी पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत करने की घोषणा की थी. इसके बाद से ही सोना-चांदी के दामों में लगातार गिरावट जारी है.

सरकार दोनों प्रमुख उत्पादकों का करें निजीकरणः अनिल अग्रवाल

वेदांता के चेयरमैन अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "दुनिया भर में सोने की कीमतें रिकॉर्ड उच्च स्तर पर हैं. हम अपनी जरूरत का 99.9 प्रतिशत आयात करते हैं. बड़े पैमाने पर निवेश के साथ हम सोने के प्रमुख उत्पादक और रोजगार के बड़े स्रोत बन सकते हैं. इसका सबसे अच्छा तरीका यह है कि सरकार सोने के दो प्रमुख उत्पादकों भारत गोल्ड माइन्स और हट्टी गोल्ड माइन्स का निजीकरण कर दे."

इन शर्तों के साथ हो निजीकरण

उन्होंने कहा कि निजीकरण तीन शर्तों पर होना चाहिए. पहली- कोई छंटनी नहीं होनी चाहिए. दूसरी- कर्मचारियों को कुछ शेयर दिए जाने चाहिए. तीसरी- परिसंपत्तियों को अलग-अलग हिस्सों में बांटने का कोई प्रयास किए बिना ऐसा किया जाना चाहिए. 

अग्रवाल ने कहा कि सरकार को देश में तांबा कंपनी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड में भी अपने शेयर बेचने चाहिए. उन्होंने कहा कि सोने तथा तांबे के आयात में 10 प्रतिशत की कमी से 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत हो सकती है. सरकार को 3,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त योगदान मिल सकता है और कम से कम 25,000 नौकरियां पैदा की जा सकती हैं. 

फिलहाल, हिंदुस्तान कॉपर भारत सरकार के नियंत्रण में है. यह भारत में तांबा अयस्क के खनन में लगी एकमात्र कंपनी है. इसके पास तांबा अयस्क के सभी परिचालन खनन पट्टे का स्वामित्व है. यह परिष्कृत तांबे की एकमात्र एकीकृत उत्पादक भी है. 

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